लाईवा तकनीकी के साथ जैविक खेती और कार्बन प्रच्छादन (Carbon Sequestration) एक दुसरे का मानार्थ हैं क्योंकि यह कृत्रिम या सिंथेटिक उर्वरकों, कीटनाशकों आदि के बिना स्थिरता पर केंद्रित है। इस तरह की खेती रसायनों से होने वाले दुष्प्रभावों से पर्यावरण का बचाव करती है और इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि इसके माध्यम से जैव पर्यावरण का संरक्षण होता है तथा जैविक मल्च कार्बन अनुक्रमण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्बनिक मल्चिंग मिट्टी की सतह पर खाद या खाद का बाड़ लगाने के बाद किसी भी कार्बनिक पदार्थ के साथ मिट्टी को ढकने को जैविक मल्चिंग कहते हैं। लाईवा तकनीकी के विश्व स्तरीय उत्पादों के प्रयोग कारण मिट्टी में सूक्ष्म जीवों (बैक्टीरिया, फुफंद, शैवाल, कवक, प्रोटोजोआ, आदि) की संख्याँ में तीव्रता से वृद्धि होती है। इन सूक्ष्म जीवों की क्रियाशीलता तथा जैव रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप प्रकृति में विभिन्न स्रोतों से आवश्यक पोषक तत्व घुलनशील अवस्था में पौधे को उपलब्ध होते रहते हैं। जिसके फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरता के साथ-साथ किसानो की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो जाती है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि जैविक खेती मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है जो वायुमंडलीय CO2 का प्रच्छादन (Sequestration) में सह-लाभ भी देती है। लाईवा एग्रो तकनीकी का प्रयोग मिट्टी में खनिज पदार्थ व कार्बन पदार्थो के आधुनिक रूप में पूर्ण किया जाता है जिससे मिट्टी में जल और ऑक्सीजन की पूर्ति होती है।जब कार्बन,खनिज ,जल व ऑक्सीजन की पूर्ति हो जाती है तब सूक्ष्म जीवों का नीवं सरल व सुगम हो जाता है जिससे वह अपनी कालोनी का विकास पुनः स्थापित करने लगते हैं। लाईवा एग्रो के विश्वस्तरीय उत्पाद जीवाणुओं का भोजन व उचित वातावरण का प्रबंधन करते हैं जिससे हमारी मिट्टी पुनः स्वस्थ व जीवित हो जाती है। हमने 12 साल के लंबे अनुसंधान के बाद हमे लाईवा तकनीकी से प्रकृति द्वारा प्रदत्त संसाधनों के सहयोग से विश्व स्तरीय उत्पादों की खोज की है। लाईवा एग्रो के उत्पाद सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कार्बनिक रूप से करते हैं । जिसके उपयोग के कारण फ़सल स्वस्थ, विष रहित,रोग मुक्त व पोषण युक्त बन जाती है। आप सभी देश के हर राज्य में, हर जिले में, हर तहसील में, हर गांव में, हर किसान तक लाईवा एग्रो तकनीक पँहुचाकर उन्हें इन क्रांति से लाभान्वित कर सकते हैं। हम आप सभी के साथ सदैव खड़े हैं।
laivaagro
3 March 2024